राजा बांसिया भील
लराजा बांसिया भील बांसवाडा के राजा थे । यह बहादुर ,वीर ,स्वतंत्रताप्रीय और एक कुशल राजा थे। राजा बांसिया भील के पूर्वज सदियों से अमरथून के शासक रहे । अमरथून मे पले बड़े बांसिया भील ने अपने राज्य का विस्तार किया और अमरथून से आकर एक नए क्षेत्र को बसाया जिसे बांसवाडा नाम दिया गया।

राजा बांसिया भील की रियासत बांसवाडा पर धोखे से रावल जगमल ने 1530 ई•-- 1544 ई• के दौरान अपने कब्जे मे कर लिया ।
रावल जगमल मऊडीखेड़ी से मेहमान के वेष मे आया और भीलराजा बांसिया भील की धोखे से हत्या कर दी । यह समय 1528 ई• -- 1530 ई• रहा । राजा बांसिया भील और उनके परिवार की बेहद ही दर्दनाक तरीके से हत्या हुई।
राजा बांसिया भील का सीर कुुुशलबाग के नजदीक नींव बनाकर डेरा बनाया गया जिसका नाम मसकरया डेरा था । भीलराजा बांसिया का धड़ महल के अहाते पर पडा था और वही पर एक मंदिर का निर्माण कराया गया जिसे भोलेश्वर महादेव के मंदिर नाम से जाना जाता है । भीलराजा बांसिया को मारकर पहला मुकाम आज जहां रखा है उसे कुशलबाग के नाम से जाना जाताहै ।
बांसिया चरपोटा के भाई भाहिया चरपोटा को मारकर पीपली चेक के दक्षिण मे गाड़ दिया जिसे भाहिया चरपोटा के नाम से भोजा पालीया के नाम से जाना जाता है।
उललेखनीय लोग
- वाल्मीकि
- एकलव्य
- राणा पूंजा
- टंट्या भील
- तगाराम भील
- दिवालीबेन भील
- मनसुख भाई वसावा
- राजा आशा भील
- राजा धन्ना भील
- राजा बांसिया भील
- काली बाई
- नानक भील
- मोतीलाल तेजावत
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