रवीन्द्र सेतु
रवीन्द्र सेतु भारत के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के उपर बना एक "कैन्टीलीवर सेतु" है। यह हावड़ा को कोलकाता से जोड़ता है। इसका मूल नाम "नया हावड़ा पुल" था जिसे बदलकर १४ जून सन् १९६५ को 'रवीन्द्र सेतु' कर दिया गया। किन्तु अब भी यह "हावड़ा ब्रिज" के नाम से अधिक जाना जाता है। यह अपने तरह का छठवाँ सबसे बड़ा पुल है। सामान्यतया प्रत्येक पुल के नीचे खंभे होते है जिन पर वह टिका रहता है परंतु यह एक ऐसा पुल है जो सिर्फ चार खम्भों पर टिका है दो नदी के इस तरफ और पौन किलोमीटर की चौड़ाई के बाद दो नदी के उस तरफ। सहारे के लिए कोई रस्से आदि की तरह कोई तार आदि नहीं। इस दुनिया के अनोखे हजारों टन बजनी इस्पात के गर्डरों के पुल ने केवल चार खम्भों पर खुद को इस तरह से बैलेंस बनाकर हवा में टिका रखा है कि 80 वर्षों से इस पर कोई फर्क नहीं पडा है जबकि लाखों की संख्या में दिन रात भारी वाहन और पैदल भीड़ इससे गुजरती है। अंग्रेजों ने जब इस पुल की कल्पना की तो वे ऐसा पुल बनाना चाहते थे कि नीचे नदी का जल मार्ग न रुके। अतः पुल के नीचे कोई खंभा न हो। ऊपर पुल बन जाय और नीचे हुगली में पानी के जहाज और नाव भी बिना अवरोध चलते रहें। ये एक झूला अथवा कैंटिलिवर पुल से ही संभव था।
रवीन्द्र सेतु (हावड़ा सेतु) রবিন্দ্র সেতূ | |
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![]() हावड़ा और कोलकाता को जोड़ने वाला, हुगली नदी पर बना, हावड़ा पुल | |
को पार करती है | हुगली नदी |
स्थानीय | कोलकाता,हावड़ा |
आधिकारिक नाम | रवीन्द्र सेतु |
अन्य नाम | हावड़ा ब्रिज |
विशेषता | |
डिजाइन | संतुलित कैंटिलीवर सस्पेंशन |
सबसे लम्बा स्पैन | 457.5 मीटर (1,501 फीट) |
Clearance below | 26 मीटर (85 फीट) |
इतिहास | |
शुरू हुआ | १९43 |
आँकड़े | |
दैनिक यातायात | १,५०,००० वाहन, ४०,००,००० यात्री |
तकनीकी जानकारी
विवरण[1] | |
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निर्माणकाल | 1937—1943 |
स्थिति | कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत |
वर्तमान दशा | उपयोग में है |
किसके ऊपर | हुगली नदी |
सेतु का प्रकार | संतुलित कैन्टीलीवर झूला पुल (suspension bridge) |
उपयोग | रेल सेतु |
दैनिक आवागमन | 1,50,000 वाहन, 40,00,000 पैदल यात्री |
निर्माता | |
निर्माण-पदार्थ | इस्पात |
टॉवर की उंचाई | 82 मीटर |
Number of spans | 3 |
Length of spans | 99.125 m
457.50 m 99.125 m |
Length of drop-in span | 178.08 m |
इस सेतु का नाम बंगाली लेखक, कवि, समाज-सुधारक गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर के नाम पर रखा गया है। इस सेतु के दोनों ओर ही नदी पर दो अन्य बड़े सेतु भी हैं:

सन्दर्भ
- स्ट्रक्चरी आंकड़ों में Howrah Bridge
बाहरी कड़ियाँ
साँचा:हावड़ा