भूमध्यसागरीय वन

इन वनों का विस्तार महाद्वीपों के पश्चिमी एवं दक्षिणी-पश्चिमी भागों में ३० डिग्री से ४५ डिग्री अक्षांशो के बीच दोनों गोलार्धों की उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु वाले क्षेत्रों में पाया जाता हैं। यह अधिकतर यूरोप, अफ्रीका एवं एशिया के भूमध्यसागर के समीप वाले प्रदेशों में पाई जाती हैं। इसलिए इसका यह नाम पड़ा। ये वनस्पतियाँ भूमध्य सागर के बाहरी प्रदेशों जैसे-संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया, दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी दक्षिण अमेरिका एवं दक्षिण-पश्चिमी आस्ट्रेलिया में भी पाई जाती हैं। इन प्रदेशों में गर्म-शुष्क ग्रीष्म एवं वर्षा वाली मृदु शीत ऋतुएँ होती हैं। इन क्षेत्रों में आमतौर पर संतरा, अंजीर, जैतून एवं अंगूर जैसे नींबू-वंश (सिट्रस) के फल पैदा किए जाते हैं क्योंकि लोगों ने अपनी इच्छानुसार कृषि करने के लिए यहाँ की प्राकृतिक वनस्पति को हटा दिया है। यहाँ वन्य जीवन कम है। भूमध्यसागरीय प्रदेश को फलों की कृषि के कारण विश्व का फलोद्यान' भी कहा जाता है।

भूमध्यसागरीय वन


वनों के प्रकार

उष्ण कटिबन्धीय वन
विषुवतरेखिय उष्णार्द्र वन | उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती मानसूनी वन
समशीतोष्ण कटिबन्धीय वन
भूमध्यसागरीय वन | समशीतोष्ण पर्णपाती वन | समशीतोष्ण मिश्रित वन | समशीतोष्ण कोणधारी वन

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