होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स (लातिन : Homo sapiens)/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है।

Human[1]
सामयिक शृंखला: 0.2–0 मिलियन वर्ष
PreЄ
Є
O
S
D
C
P
T
J
K
Pg
N
Pleistocene - Recent
Human male and female
वैज्ञानिक वर्गीकरण
अधिजगत: सुकेन्द्रिक
जगत: जंतु
संघ: रज्जुकी
वर्ग: स्तनधारी
गण: नरवानर
कुल: मानवनुमा
उपकुल: en:Homininae
गणजाति: en:Hominini
वंश: Homo
जाति: H. sapiens
उपजाति: H. s. sapiens
त्रिपद नाम
Homo sapiens sapiens
Linnaeus, 1758

मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है।

आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले , सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे।[2][3]

होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया[4] और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है।[5] [6]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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