राजा कोटिया भील

राजा कोटिया भील कोटा के एक शक्तिशाली राजा थे। अकेलगढ़ का किला भील शासक कोटिया भील का प्रमुख स्थान रहा था। कोटिया भील ने बड़े है वीरता से अपने युद्ध कोशल का परिचय दिया। कोटिया एक ऐसे वीर योद्धा थे जो सिर कटने के बाद भी दुश्मन से युद्ध करते रहे । [1] अकेलगढ़ किले से, 747 साल पहले राजा कोटिया भील अपना शासन चलाते थे। यह भीलों के आधिपत्य का क्षेत्र था, जिनका अंतिम मुखिया कोटिया भील थे । बूंदी राज्य के तत्कालीन शासक राव समर सिंह के पुत्र राजकुमार जैत सिंह ने सन 1264 ईस्वी में राजा कोटिया भील और उनके साथियों को मारकर अकेलगढ़ किले पर कब्जा कर लिया था। इतिहास बताता है कि युद्ध में बूंदी की सेना के छक्के छुड़ाने वाले अपराजित राजा कोटिया भील को धोखे से मारा गया था। जैतसिंह ने कोटिया भील के नाम से कोटा की नींव रखी थी। टिपटा चौराहे के पास स्थित गढ़ महल के मुख्य प्रवेश द्वार के पास कोटिया भील का थानक बना हुआ है, जिसकी आज भी पूजा होती है।[2]

स्रोत

  1. {{https://books.google.co.in/books?id=xlmxDwAAQBAJ&pg=PA17&lpg=PA17&dq=%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A4%BE+%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B2+%E0%A4%B5%E0%A4%82%E0%A4%B6&source=bl&ots=Y22gecCA5Z&sig=ACfU3U1eBAQ7Gop2iyjhMsb9zuTB_ofVeQ&hl=hi&sa=X&ved=2ahUKEwiU6KO8qZzmAhU-wzgGHd1LCBU4ChDoATAHegQICRAB}}
  2. {{https://books.google.co.in/books?id=GpKgDwAAQBAJ&pg=PA24&dq=%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A4%BE+%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B2+%E0%A4%B5%E0%A4%82%E0%A4%B6&hl=hi&sa=X&ved=0ahUKEwj4u-H-qpzmAhVb8XMBHWdBC0YQ6AEILzAB}}
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