भारतीय मानक समय

भारतीय मानक समय (संक्षेप में आइएसटी) (अंग्रेज़ी: Indian Standard Time इंडियन् स्टैंडर्ड् टाइम्, IST) भारत का समय मंडल है, एक यूटीसी+5:30 समय ऑफ़सेट के साथ में। भारत में दिवालोक बचत समय (डीएसटी) या अन्य कोइ मौसमी समायोग नहीं है, यद्यपि डीएसटी 1962 भारत-चीन युद्ध, 1965 भारत-पाक युद्ध और 1971 भारत-पाक युद्ध में व्यवहार था।[1] सामरिक और विमानन समय में, आइएसटी का E* ("गूंज-सितारा") के साथ में नामित होता है।[2]

मिर्ज़ापुर और 82.30° पू के स्थान, जो भारतीय मानक समय के संदर्भ लम्बाई के लिए व्यवहार होता है


इतिहास

1947 में आजादी के बाद भारत सरकार ने पूरे देश के लिए सरकारी समय के रूप IST को स्थापित कर दिया, हालाँकि कोलकाता और मुंबई 1955 तक अपने स्थानीय समय (बॉम्बे समय के रूप में जाना जाता है) को बनाए रखा है। सेंट्रल वेधशाला चेन्नई से एक स्थान पर ले जाया गया था, भारतीय समय उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर(नैनी)जिले से निर्धारित होता है।, इसलिए कि यह संभव के रूप में UTC +5:30 के करीब होगा। १९६२ के भारत-चीन युद्ध तथा १९६५ और १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अल्प समय के लिए डेलाइट सेविंग टाइम का उपयोग किया गया था।

समस्याएँ

देश की पूर्व-पश्चिम दूरी लगभग २९३३ किलोमीटर है जिसके कारण पूर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त पश्चिम से २ घंटे जल्दी होता है और इसीलिए उत्तर-पूर्व राज्यों के लोगों को उनकी घड़ियाँ आगे बढ़ने की आवश्यकता होती हैं जिससे सूर्योदय के उपरांत ऊर्जा का क्षय न हो। इसके कारण औपचारिक व्यवहारों में अनेक कष्ट होते हैं।

१९८० में संशोधकों की एक मंडली ने भारत को दो अथवा तीन समय मंडलों में विभाजित करने का सुझाव दिया, परन्तु ये सुझाव हमें ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित समय मंडलों को अपनाने के बराबर था, इसलिए इस सुझाव को नकारा दिया गया। २००१ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ४ सदस्य की समिति स्थापित की जिसका उद्देश्य समय मंडल तथा डेलाइट सेविंग के विषयों को जाँचना था। समिति के निष्कर्ष २००४ में संसद में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री कपिल सिब्बल, द्वारा प्रस्तुत किये गए जिसमे कपिल सिब्बल ने कहा कि "भारत के समय मंडलों को विभाजित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

२०१४ में, असम के मुख्यमंत्री श्री तरुण गोगोई ने असम तथा अन्य उत्तर-पूर्व राज्यों के लिए एक अलग समय मंडल की माँग की है परन्तु इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा कोई मंजूरी नहीं मिली है। [3]

समय सन्केत

औपचारिक समय संकेत नई दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के समय एवं आवृत्ति मानक प्रयोगशाला के द्वारा प्रेषित किये जाते हैं। ये संकेत परमाणु घड़ियों पर आधारित हैं जो सार्वभौमिक समन्वित समय (Coordinated Universal Time ) पर आधारित हैं। भारतीय मानक समय देश का मानक समय इसलिए हैं क्योंकि ये भारत के मध्य से गुजरता है। देश का ठीक समय आकाशवाणी और दूरदर्शन के द्वारा लोगों तक पहुँचाया जाता है।

प्रचलित संस्कृति में

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "India Time Zones". ग्रेनिच मानसमय (जीएमटी). नामालूम प्राचल |accessmonthday= की उपेक्षा की गयी (मदद); |work= में बाहरी कड़ी (मदद)
  2. "Military and Civilian Time Designations". ग्रेनिच मानसमय (जीएमटी). नामालूम प्राचल |accessmonthday= की उपेक्षा की गयी (मदद); |work= में बाहरी कड़ी (मदद)
  3. (अंग्रेज़ी में). द स्टेटस्मान http://www.thestatesman.com/mobi/news/35182-no-faulting-gogoi-s-proposal-for-new-time-zone.html. गायब अथवा खाली |title= (मदद)

बाहरी कड़ियाँ

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