बड़वानी ज़िला

बड़वानी ज़िला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िला मुख्यालय बड़वानी में है। ज़िले का क्षेत्रफल 5,427 किमी² तथा जनसंख्या 1,385,881[2] (2011 जनगणना) है। यह ज़िला मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित है, नर्मदा नदी इसकी उत्तरी सीमा बनाती है। सेंधवा इसका प्रसिद्ध नगर है। यह कपास के लिये प्रसिद्ध है। यह एक तहसील भी है। जिले का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है यहाँ के किले का ऐतिहासिक महत्व है।

बड़वानी ज़िला
बड़वानी ज़िला

मध्य प्रदेश में बड़वानी ज़िले की अवस्थिति
राज्य मध्य प्रदेश
 भारत
प्रभाग इन्दौर संभाग
मुख्यालय बड़वानी
क्षेत्रफल 5,427[1] कि॰मी2 (2,095 वर्ग मील)
जनसंख्या 1,385,881 (2011)
शहरी जनसंख्या 14.72%
साक्षरता 49.08%
लिंगानुपात 982
तहसीलें 1. बड़वानी
2. ठीकरी
3. राजपुर
4. सेंधवा
5. पानसेमल
6. निवाली
7. अंजड़
8. पाटी
9. वरला
ज़िलाधिकारी अमित तोमर (भाप्रसे)
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र खरगौन (बड़वानी ज़िले के साथ साझा)
विधानसभा सीटें 4
राजमार्ग MP SH-26
MP SH-36
आधिकारिक जालस्थल

बड़वानी नगर से 8 किलोमीटर दूर सतपुड़ा की पहाड़ियों में भगवान ऋषभदेव की 84 फ़ीट की एक पत्थर से निर्मित प्रतिमा पहाड़ों से निकली है। जो बावनगजा के नाम से प्रसिद्ध है। यहां शहीद भीमा नायक का गांव धाबा बावड़ी पास ही है। बड़वानी ज़िले की तहसील :- 1. बड़वानी, 2. ठीकरी , 3. वरला , 4. सेंधवा , 5. राजपुर 6 , अंजड़ ,7. पानसेमल ,8 निवाली ,9 पाटी

परिचय

बड़वानी ज़िले की स्थापना 25 मई 1998 को हुई। पूर्व में यह ज़िला खरगोन (पश्चिम निमाड़) जिले का एक भाग था। बड़वानी ज़िला मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित है, नर्मदा नदी इसकी उत्तरी सीमा बनाती है। जिले के दक्षिण में सतपुड़ा एवं उत्तर में विंध्याचल पर्वतश्रेणियाँ है।

बड़वानी नाम की उत्पत्ति बड़ (बरगद) के वन से हुई है, जिनसे शहर पुराने समय में घिरा हुआ था। वानी शब्द बग़ीचे के लिये प्रयोग किया जाता है, इसलिये शहर को बड़वानी नाम से जाना जाता है।

ऐतिहासिक

शहर बड़वानी 1948 से पहले बड़वानी राज्य की राजधानी था। यह छोटा-सा राज्य अपनी चट्टानी इलाकों और कम उत्पादक भूमि के कारण अंग्रेज़, मुगलों और मराठों के शासन से बचा रहा।

शहर बड़वानी पूर्व में बड़ नगर और सिद्ध नगर के नाम सें भी जाना जाता था। जिला बड़वानी जैन तीर्थ यात्रा केंद्र चुलगिरि और बावनगजा के लिए भी मशहूर है।

बड़वानी का एक ऐतिहासिक प्रतीक है जो तीरगोला के नाम सें जाना जाता है। यह खंडवा-बड़ौदा मार्ग पर सागर विलास पैलेस के सामने स्थित है, और राजा रणजीत सिंह के दिवंगत बेटे की याद में बनाया गया था।

आजादी से पहले बड़वानी शहर 'निमाड़ के पेरिस' के रूप में जाना जाता था। उच्च शिक्षा के लिये यहां पर शहीद भीमा नायक शासकीय महाविद्यालय स्थित है।

भौगोलिक

जिला बड़वानी 21 अंश 37 मिनिट - 22 अंश 22 मिनिट (उत्तर) अक्षांश से 74 अंश 27 मिनिट - 75 अंश 30 मिनिट (पूर्व) देशांश के बीच फैला है। इस जिले के दक्षिण में महाराष्ट्र राज्य, पश्चिम में गुजराज राज्य, पुर्व में जिला खरगोन तथा उत्तर में जिला धार है। जिला पश्चिम में उच्चतम बिंदु के साथ आकार में त्रिकोणीय है।

शहर बड़वानी नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है| बडवानी जिले मे भिलट देव का मन्दिर है| यहाँ नाग पंचमी को हर वर्ष मेला लगता है प्रत्येक वर्ष यहा लोगों की भारी मात्रा में मेला लगता है|

जनसंख्या

बड़वानी की जनसंख्या 1,385,881 (2011 जनगणना) दशक में 27.57% की वृद्धि के साथ है।

परिवहन

वायूमार्ग

निकटतम हवाई अड्डा ज़िले से लगभग 150 कि.मी. की दूरी पर इन्दौर शहर में स्थित हैं। जहां से भारत के प्रमुख शहरों जैसे: नई दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, बंगलोर, हैदराबाद आदि तथा अंतरराष्ट्रीय शहरों के लिए प्रमुख हवाई सेवाएं उपलब्ध है।

रेलमार्ग

बड़वानी में पश्चिम रेलवे (रतलाम मंडल) का आरक्षण काउंटर अम्बेडकर पार्क, राजघाट रोड पर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन लगभग 150 कि.मी. की दूरी पर इन्दौर शहर में स्थित हैं, जो पश्चिमी रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक रेलवे स्टेशनों में से एक है। बड़वानी के नज़दीक मध्य रेलवे का रेलवे स्टेशन लगभग 180 कि.मी. दूर खण्डवा में हैं, जो बड़वानी के साथ राज्य राजमार्ग क्रमांक-26 के द्वारा जुड़ा हुआ है।

सड़कमार्ग

बड़वानी काफी अच्छी तरह से मध्य प्रदेश और भारत के अन्य भागों से राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है। बड़वानी शहर खण्डवा-बड़ोदरा राज्य राजमार्ग क्रमांक-26 द्वारा व 45 कि.मी. दूरी पर स्थित ग्राम जुलवानिया में आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-03 से जुड़ा हुआ है। ज़िला मुख्यालय सें प्रमुख शहर इन्दौर, देवास, उज्जैन, भोपाल, धार, रतलाम, खरगोन, खण्डवा, अहमदाबाद, बड़ोदरा और मुम्बई तक नियमित यात्री बस सेवा उपलब्ध हैं।

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

यहां सेंधवा का किला भी ऐतिहासिक किला है ओर यहां भवरगढ़ का किला भी है । सेंधवा 1857 के क्रांतिकारी ख्वाजा नायक की कर्मभूमि भी रही है । बड़वानी जिले में रामगढ़ का किला भी है यहां आज भी पहुँच पाना सुगम नही है ।

  1. "District Census Hand Book Part-B-ebook(CRC)", भारत की जनगणना २०११
  2. "District Census Hand Book Part-A-ebook(CRC)", भारत की जनगणना २०११
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