दक्षिण अमेरिका का इतिहास

दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको, वेस्ट इण्डीज़ एवं कैरीबियन देशों को मिलाकर लैटिन अमेरिका कहते हैं। लैटिन प्राचीन रोमवासियों की भाषा थी। जैसे अधिकांश भारतीय भाषाओं का विकास संस्कृत से हुआ है वैसे ही अनेक यूरोपीय भाषाओं जैसे स्पेनी, पुर्तगाली, फ्रांसीसी तथा इतालवी भाषाओं का विकास लैटिन से हुआ है। इन भाषाओं के बोलने वालों को लैटिन कहते हैं। सोलहवीं शताब्दी में पुर्तगाल और स्पेन से बड़ी संख्या में लैटिन लोग आकर इस भाग पर अधिकार करके यहीं पर बस गए। इसीलिए इस भाग को लैटिन अमेरिका कहा जाने लगा। परन्तु अब फ्रेंच गुयाना को छोड़कर ये सभी देश स्वतंत्र हो गए हैं।

पेरू की केंद्रीय पहाड़ियों में लाखों वर्षों पूर्व मानव जीवन की शुरुआत हुई। यहाँ कई संस्कृतियों का विकास हुआ। दक्षिण अमेरिका की सर्वप्रमुख सभ्यता इंका की सभ्यता थी जिसका कार्यक्षेत्र पेरू, ईक्वाडोर, बोलीविया तथा अर्जेंटीना और चिली के उत्तरी भागों में फैला हुआ था। पंद्रहवी शताब्दी के अंत में यह चरमोत्कर्ष पर थी। इंका सभ्यता में शासक को इंका कहा जाता था एवं उसका सदैव आदर किया जाता था। यह सभ्यता अपनी उत्तम यातायात, संचार एवं डाक व्यवस्था के लिए जानी जाती है। माचू पिच्चू प्रमुख नगर था जिसके सुंदर पुरातात्विक अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। सूर्य यहाँ के सर्वोच्च देवता थे जिनके अलावा अन्य अनेक देवी देवताओं की भी पूजा होती थी। यहाँ के मंदिर स्वर्णपत्रों से अलंकृत होते थे। राजाओं को उनकी मृत्यु पश्चात मिस्र की प्राचीन सभ्यता की तरह ही ममी (परिरक्षित शव) बना कर सुरक्षित किया जाता था। शिल्पकला एवं शल्य चिकित्सा में यह सभ्यता अपने समकालीन सभ्यताओं से उन्नत थी।

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