अफ़्रीका की जल अपवाह प्रणाली
अफ़्रीका की अधिकांश नदीयाँ मध्य अफ़्रीका के उच्च पठारी भांग से निकलती हैं यहाँ खूब वर्षा होती है। अफ़्रीका के उच्च पठार इस महाद्वीप में जल विभाजक का कार्य करते हैं। नील, नाइजर, जेम्बेजी, कांगो, लिम्पोपो एवं ओरंज इस महाद्वीप की बड़ी नदियाँ हैं। महादेश के आधे से अधिक भाग इन्हीं नदियों के प्रवाह क्षेत्र के अन्तर्गत हैं। शेष का अधिकांश आन्तरिक प्रवाह-क्षेत्र में पड़ता है; जैसे- चाड झील का क्षेत्र, उत्तरी सहारा-क्षेत्र, कालाहारी-क्षेत्र इत्यादि। पठारी भाग से मैदानी भाग में उतरते समय ये नदियाँ जलप्रपात एवं द्रुतवाह बनाती हैं अतः इनमें अपार सम्भावित जलशक्ति है। संसार की सम्भावित जलशक्ति का एक-तिहाई भाग अफ़्रीका में ही कृता गया है। इन नदियों के उल्लेखनीय जलप्रपात विक्टोरिया (जाम्बेजी में), स्टैनली (कांगो में) और लिविंग्स्टोन (कांगो में) हैं। नील नाइजर, कांगो और जम्बेजी को छोड़कर अधिकांश नदियाँ नाव चलाने योग्य नहीं हैं।